1. दिल्ली कंटोनमेंट (Delhi Cantonment)
Apparently, numerous people have been greeted by a charming lady in white who asks for a lift or runs at the speed of their car. Not scary at all.
Delhi Cantonment जिसे कि सामान्यतया Delhi Cant कहा जाता है कि स्थापना ब्रिटिश – इंडियन आर्मी ने कि थी। यह पूरा इलाका एक छोटे से जंगल की तरह दिखाई देता है जिसमे चारो तरफ हरे भरे पेड़ो है। कहा जाता है कि दिल्ली केंट में सफेद लिबाज पहने एक महिला लोगों से लिफ्ट मांगती है। अगर आप आगे निकल जाते हैं तो यह महिला कार के जितना तेज भाग कर पीछा करती है। बहुत से लोगो ने उसको देखे जाने की पुष्टि की है। हालांकि आज तक किसी इंसान को नुक्सान पहुचाने की कोई खबर नहीं है। लोगो का कहना है शायद से किसी महिला ट्रेवलर की आत्मा है जिसकी मृत्यु इसी इलाके में हुई हो।
2. फिरोज शाह कोटला किला (Feroz Shah Kotla Fort)
Built way back in 1354 by Feroz Shah Tughlaq, this fort lies eerily abandoned in the present day. Every Thursday locals can be seen lighting candles and incense sticks; and offering bowls of milk and grain to appease the djinns that supposedly haunt this place.
1354 में फिरोज शाह तुगलक द्वारा बनवाया गया यह किला आज खंडहर हो चुका है। आसपास की लोगों की मानें तो हर गुरुवार यहां मोमबत्तियां और अगरबत्ती जलती दिखती है। और तो और, अगले दिन किले के कुछ हिस्सों में कटोरे में दूध और कच्चा अनाज भी रखा मिलता है। ऐसा अक्सर होता रहा है, जिसके चलते किले की पहचान अब भूतों के किले के रूप में होने लगी है।
3. House No. W-3, GK - 1
Apparently, this house has seen the gruesome murder of an aged couple, whose bodies were later found in the water tanks. The house lies abandoned now.Various sounds ranging from sobs to screams emanate from the house as reported by the neighbours
4. खूनी नदी, रोहिणी (Khooni Nadi, Rohini)
Legend has it that no one who enters the river makes it back to the shore alive. While logic dictates that these deaths are probably unfortunate accidents or suicides, you can never be sure what lurks in the darkness.
रोहिणी के कम शोर गुल वाले इस इलाके में यूं भी कम लोग आते हैं। नदी के आसपास कोई नहीं जाता है। कारण, नदी के किनारे लाश मिलना। हत्या, आत्महत्या, दुर्घटना कारण चाहे जो हो, यहां नदी किनारे लाशें मिलना आम बात हो गई है। यही कारण है कि लोग इसे डरावनी जगहों में शुमार करते हैं।
5. मालचा महल (Malcha Mahal)
Originally a hunting lodge built in the Tughlaq era, this structure is now completely surrounded by the Delhi Ridge. The silence of the jungle can really get to you - if the ghosts don't, that is
मालचा महल दिल्ली के दक्षिण रिज़ के बीहड़ो में छुपा है। इसका निर्माण आज से 700 साल पहले फ़िरोज़ शाह तुगलक ने करवाया था। वो इसे अपनी शिकारगाह के रूप इस्तमाल करते थे। यह महल पिछले कई सदियों से वीरान रहने के कारण खंडहर हो चुका था। इस खंडहर हो चुके महल में 1985 में, अवध घराने की बेगम विलायत महल अपने दो बच्चो, पांच नौकरो और 12 कुत्तो के साथ रहने आई। इस महल में आये बाद वो कभी इस महल से बाहर नहीं निकली। इसी महल में बेगम विलायत खान ने 10 सितम्बर 1993 को आत्महत्या कर ली थी। कहते है की बेगम की रूह आज भी उसी महल में भटकती है।
6. संजय वन (Sanjay Van)
Reportedly, this ten km stretch of forest is inhabited by spirits of children who can routinely be seen bawling and clawing each other. Adorable, innit? *screams internally*
10 किमी क्षेत्रफल में फैले इस इलाके में बच्चों की आत्माएं दिखने के दावे किए गए हैं, जो अक्सर खेलते रहते हैं। अंदर से यह वन घना और डरावना भी है।
7. भूली भतियारी का महल, झंडेवालान (Bhuli Bhatiyari ka Mahal)
Another Tughlaq era structure located near the Ridge, this place is reportedly inhabited by invisible spirits that shuffle around in the dark. Mysterious sounds have also been heard
यह महल किसी ज़माने में तुगलक वंश का शिकारगाह हुआ करता था। इस महल का नाम “भूली भतियारी”, इसकी देखभाल करने वाली महिला के नाम पर पड़ा है। अंधेरा होना के बाद यहां परिंदा भी पर नहीं मारता। अक्सर सुनाई देने वाली अजीबोगरीब आवाजें यहां माहौल को और डरावना बना देते हैं।
8. करबला कब्रिस्तान (Karbala Graveyard)
As is expected, this area gets fairly desolate and gloomy - especially in the evenings. The loneliness and silence can be rather unsettling
जैसा नाम, वैसा कब्रिस्तान। फिल्मी कब्रिस्तान की तरह यहां भी साये दिखने और उनकी हरकतों के गवाह है आसपास के लोग।
9. खूनी दरवाजा (Khuni Darwaza)
This is where the three surviving sons of Bahadur Shah Zafar were executed by the British. Reportedly, the three princes still haunt the area, sore from the public humiliation.
यहीं बहादुर शाह जफर के तीन बेटों को अंग्रेजों ने मार डाला था। कहते हैं, तभी से तीनों शहज़ादे इसी इलाके में साया बनकर मौजूद रहते हैं।
10. जमाली-कमाली का मकबरा और मस्जिद, महरौली, (Jamali Kamali Tomb & Mosque)
Renowned sufi saints Jamali and Kamali were buried here in 1535. Apparently, voices can be heard calling out to you near the graves - even in broad daylight.People have reported being shoved and slapped by invisible entities. *brb, switching all lights on*
यह मस्जिद दिल्ली के महरौली में स्थित है। यहां सोलवहीं शताब्दी के सूफी संत जमाली और कमाली की कब्र मौजूद है। इस जगह के बारे में लोगों का विश्वास है कि यहां जिन्न रहते हैं। कई लोगों को इस जगह पर डरावने अनुभव हुए हैं। सूफी संत जमाली लोधी हुकूमत के राज कवि थे। इसके बाद बाबर और उनके बेटे हुमायूं के राज तक जमाली को काफी तवज्जो दी गई। माना जाता है कि जमाली के मकबरे का निर्माण हुमायूं के राज के दौरान पूरा किया गया। मकबरे में दो संगमरमर की कब्र हैं, एक जमाली की और दूसरी कमाली की। जमाली कमाली मस्जिद का निर्माण 1528-29 में किया गया था। यह मस्जिद लाल पत्थर और संगमरमर से बनी है।
11. म्यूटिनी हाउस, कश्मीरी गेट (Mutiny House, Kashmiri Gate)
This memorial was built by the British to commemorate the officials who died during the sepoy mutiny in 1857. Allegedly the ahem... memories continue to live on in the form of severed limbs that people have seen wriggling around the vicinity of the buildings.
यह स्मारक 1857 में मारे गए सिपाहियों की याद में अंग्रेजों ने बनवाया था। हां, यादें और साए अभी भी इस इमारत के आसपास रहते हैं। इसलिए इसे डरावना माना जाता है।
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Please Learn don't ignore
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